
आक्रामक छवि के सम्राट चौधरी बने, भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष
पटना (बिहार) : बृहस्पतिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने, बिहार विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया। सम्राट चौधरी अपनी आक्रामक छवि की वजह से, गृहमंत्री अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, सम्राट चौधरी को अध्यक्ष बनाया जाना एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। गौरतलब है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। यानि बीजेपी ने बिहार में, 2024 और 2025 का चुनाव सम्राट चौधरी के नेतृत्व में लड़ने का फैसला ले लिया है। बेहद खास बात यह है कि सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए, बीजेपी ने अपनी कई परम्पराएं भी तोड़ी है। दीगर बात है कि सम्राट चौधरी पाँच साल पहले ही पार्टी में आये हैं। 2018 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था।
अहम मसला यह भी है कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बीजेपी या आरएसएस से जुड़ी नहीं रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर, पार्टी और संगठन से जुड़े पुराने नेताओं को ही बिठाती रही है। लेकिन सम्राट चौधरी के लिए यह परंपरा तोड़ी गयी है। भीतरखाने से मिल रही जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने फिलहाल सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है और आगे वे ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी बनेंगे। अब सवाल यह उठ रहा है कि सम्राट चौधरी ही भाजपा आलाकमान की पहली पसंद क्यों हैं ? सूत्रों की मानें तो, इसके दो कारण हैं। पहला कारण है जातीय समीकरण। सम्राट चौधरी कुशवाहा जाति से आते हैं। इस जाति के वोट बैंक से, नीतीश कुमार की राजनीति फली और फूली है। नीतीश कुमार का आधार वोट लव-कुश समीकरण ही माना जाता है।

लव यानि कुर्मी और कुश यानि कुशवाहा। लेकिन हालिया दिनों की बात करें तो, कुशवाहा जाति का नीतीश कुमार से मोहभंग होने लगा है। उपेंद्र कुशवाहा की बगावत के बाद, नीतीश के प्रति कुशवाहा समाज की नाराजगी खुल कर सामने आयी है। दरअसल, भाजपा यह चाह रही है कि कुशवाहा जाति के वोटर नीतीश का साथ छोड़ें, तो वे कहीं और ना जा कर सीधे बीजेपी के पासआएँ। बिहार में किस जाति की कितनी तायदाद है, इसका कोई प्रमाणिक आंकड़ा मौजूद नहीं है। लेकिन राजनीतिक जानकार बताते हैं कि मुसलमान और यादव के बाद, कुशवाहा जाति के वोटरों की संख्या ही बिहार में सबसे ज्यादा है। अगर कुशवाहा जाति के वोटर पूरी तरह से बीजेपी के पास आ जाते हैं, तो बिहार का सारा सियासी समीकरण ही बदल जायेगा। भाजपा नेतृत्व मान रहा है कि सम्राट चौधरी में वह क्षमता है कि वे अपनी जाति के वोटरों को पार्टी के साथ जोड़ सकते हैं।
सम्राट चौधरी कि आक्रामक राजनीति भी, पार्टी आलाकमान को पसंद आ रही है।
बीजेपी इन दिनों बिहार में नेतृत्व की कमी से जूझ रही है। पार्टी के पुराने नेता किनारे लगा दिये गये हैं। जब भूपेंद्र यादव बिहार बीजेपी के प्रभारी थे, उस समय ही सारे पुराने नेताओं को किनारे लगा दिया गया था। जिन नये लोगों को सामने लाया गया, उनमें से कोई भी नीतीश कुमार और खास कर तेजस्वी यादव को ठीक से चुनौती देने का माद्दा नहीं दिखा रहे थे।
लेकिन सम्राट चौधरी, उन नेताओं से भिन्न हैं। उन्होंने बिहार विधान परिषद से लेकर बाहर की जनसभाओं में लगातार आक्रामक तरीके से, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। उनकी ये खास शैली, बीजपी आलाकमान को पसंद आयी है। ऐसे कई प्रमाण हैं जो ये बता रहे हैं कि 2025 में बीजेपी बिहार में, सम्राट चौधरी को ही सीएम उम्मीदवार घोषित कर के चुनाव में उतरेगी। महाराष्ट्र, त्रिपुरा, असम जैसे राज्यों में जो हुआ, वह इस बात की तकसीद कर रहा है। महाराष्ट्र में 2013 में बीजेपी ने देवेंद्र फड़नवीस को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। फिर उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 में महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव लड़ा और जब जीत हुई, तो फड़नवीस ही मुख्यमंत्री बनाये गये। त्रिपुरा में 2016 में विपल्व कुमार देव को पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बना कर 2018 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की थी।
2018 के विधानसभा चुनाव में जब, बीजेपी त्रिपुरा में सत्ता में आयी तो विपल्व कुमार देव ही मुख्यमंत्री बनाये गये। ऐसी ही कहानी सर्वानंद सोणोवाल की रही, जो असम प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के बाद जब पार्टी सत्ता में आयी तो मुख्यमंत्री भी उन्हें ही बना दिया गया। ऐसे तमाम तथ्य यह बता रहे हैं कि सम्राट चौधरी अगले चुनाव में भाजपा के सीएम पद के दावेदार होंगे। हालांकि, यह तय है कि उनकी पहली परीक्षा 2024 के लोकसभा चुनाव में होगी। अगर सम्राट चौधरी पार्टी का प्रदर्शन ठीक करा पाने में सफल होते हैं तो, 2025 का रास्ता उनके सीएम बनने के लिए पूरी तरह से साफ हो जायेगा। सम्राट चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही, उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। कुल मिला कर बीजेपी ने, बिहार में जबरदस्त चौसर बिछाई है।
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