साल 1927 -29 के करीब बने ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला पुल को खतरनाक घोषित कर इसके उपयोग पर जुलाई 2019 में पाबंदी लगा दी थी। यह पुल एक हादसे के बाद आजतक बंद है। लेकिन आपको यह जानकर बेहद सुकून मिलेगा कि चीन की तर्ज पर भारत में भी कांच के पुल बनाने शुरू कर दिए है। इसी पहल पर लक्ष्मण झूले के साथ ही में बजरंग सेतु के नाम से नए कांच के।
पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। करीब 100 करोड की लागत से बन रहे बजरंग सेतु कांच के पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2022 को किया था। इस कांच के पुल को 4 जुलाई 2023 में कंप्लीट करने का लक्ष्य है। यह पुल केंद्र के सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा इसका टेंडर पंजाब चंडीगढ की पी एण्ड आर इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लि0 को दिया गया है। बजरंग सेतु कांच के पुल की लंबाई 132.30 मीटर और चौडाई 8 मीटर है। इस पुल की खूबी ये है कि पुल के दोनों तरफ 6-6 फिट चौडा कांच का बेस है। जिस पर दोनों तरफ से आने – जाने वाले कांच से गंगा नदी पार आ-जा सकेगे। पुल का बीच का भाग दो लेन का होगा। ये तारकोल की सडक होगी।
इस पर हल्के व्हीकल भी आ – जा सकेगें। इस कांच के पुल के फांउडेशन में दोनों तरफ से 21- 21 पिलर बनाए गए हैं। इन पिलरों को 90 फिट गहरे तक डाला गया है। इन पिलरों की फाउंडेशन में 36 मोटे सरियों को कंकरीट से भरकर भरपूर मजबूती दी गई है। सबसे बडी बात है कि बजरंग सेतु के दोनों और केदार नाथ मंदिर का लुक दिया गया है। पुल का कार्य तेजी से प्रगति पर है। नट बोल्ट कसने का काम जारी है। बजरंग सेतु के कंप्लीएशन में शेष तीन महीने बचे हैं । इस पुल के पास ही अपना होटल चला रहे , मनोज डोबरियाल, मन्नू बिस्ट ने बताया कि बजरंग सेतु कांच बेस पर चलना बेहद ही रोमांचक करेगा। अभी तक तो ऐसे कांच बेस पर चलने वाले पुल चीन में ज्यादा बने हैं, जिन्हें हम सोशल मीडिया के माध्यम से ही देखकर खासे अचंभित होते थे। लेकिन अब चीन से भी बेहतर भारत में उच्च तकनीकी से कांच के पुलों के निर्माण का कार्य हो रहा है। बतादें कि भारत में 5 पुल कांच बेस बनाए गए हैं। इनमें उत्तराखंड के केदारनाथ, बजरंग सेतु, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, बिहार पटना में भी ग्लास स्काई वाॅक ब्रिज बनाए गए हैं। देश और विदेशी पर्यटकों के लिए भारत भी ग्लास ब्रिज की फेहरिस्त में शामिल हो गया है।