आईआईटीएम जनकपुरी द्वारा उद्योग 4.0 और अमृतकाल में स्थिरता के प्रमुख चालक विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य अमृत काल में आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक स्तरों पर डिजिटलीकरण सतत विकास और समावेशन के माध्यम से भारत के परिवर्तन की पहचान करना और जागरूकता पैदा करना है। इसका प्रभाव अब यह दिख रहा है कि विगत 9 वर्षों में अर्थव्यवस्था 2 ट्रिलियन से 3.5 ट्रिलियन तक बढ़ गई है।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर जीएस सौन (सलाहकार, आईसीएसआर पूर्व निदेशक और वरिष्ठ शोधकर्ता), एम पी एफ के पूर्व सदस्य जेएस काम्योत्रा, आईआईटीएम अध्यक्ष जेसी शर्मा, आईआईटीएम कार्यकारी निदेशक शिवा शर्मा, आईआईटीएम निदेशक प्रोफेसर डॉ रचिता राणा, आयोजन के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ वंदना राघव ने उपस्थित विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों के साथ दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभी गणमान्य द्वारा एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया।

इस सम्मेलन में मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ दीपक टंडन, विजय गुप्ता पूर्व संयुक्त डीजी रक्षा मंत्रालय भारत सरकार, प्रोफेसर डॉ हैब, इज, पोलैंड विश्वविद्यालय प्रबंधन संस्थान के निदेशक जोआना प्लाज़किवीएज़, आईपी विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रोफेसर डॉक्टर अमरपाल सिंह, प्रोफेसर डॉ रेशमा नसरेन, प्रोफेसर डॉक्टर दीपिका अरोड़ा, प्रोफेसर डॉ विशाल खत्री, प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार, प्रोफेसर डॉ गोपाल सिंह लटवाल, प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर कुमार शर्मा, प्रोफेसर डॉक्टर रश्मि गुजराती, प्रोफेसर डॉ अजय कुमार और डॉ विकास भरारा ने भी सम्मेलन विषयों के विभिन्न क्षेत्रों पर अपने सूक्ष्म दृष्टिकोण को स्पष्ट किया।
सम्मेलन में अनुसंधान बिरादरी में बहुत उत्साह पैदा किया जो पूरे विश्व से विभिन्न शोध पत्रों के रूप में परिलक्षित हुआ। विविध क्षेत्रों के दिग्गजों के योगदान ने अमृत काल में सरिता के अध्ययन में एक नया आया हूं जोड़ा है और यह प्रयास निश्चित रूप से आईआईटीएम जनकपुरी के गौरवशाली इतिहास में एक अध्याय जोड़ता है।