एक अवसर तो लेकर देखे युवा मोदी की अग्निपथ’ योजना का,देश शीर्ष पर न हो तो कहना,,मोदी की योजना देश को बाहर के साथ भीतर की सुरक्षा भी देगी:पंडित कृष्ण मेहता
- आखिर मोदी जी की कोई भी देश हित की योजना बिना परखे कोन लोग है? जो सभी कमियां निकाल

फेल साबित करने को दिन रात एक कर देते है? क्यू नही योजना को लागू होने तक इंतजार करते? एक निजी चैनल पर देखा की युवक विरोध कर रहे, मगर उनको पता नही आखिर योजना है क्या ,उसमे खामी तो दूर की बात है।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की देश का युवा जिस उम्र में सबसे ज्यादा भटकन पर होता है उसमे अगर उसको अनुशासन के साथ साथ जॉब भी मिले तो आखिर दिक्कत क्या। अगर हम देखे विरोध करने वालो को तो विरोध की वजह तक सही से नही पता।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की कालेज,यूनिवर्सिटी में जाकर देखिए बच्चे आखिर कर क्या रहे है।क्या उनका फ्यूचर सुरक्षित है। आए दिन गैंगस्टर की फोज किनमे से है इन्ही कम उम्र के भटके नौजवानो में से ही भीड़ है। फिर हम मां बाप क्यू उनको इस गलत राह से हटा आर्मी जैसी देश सेवा को लेकर इतना बवाल मचा रहे।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
क्यू? युवा को देश की जिम्मेवारी नही लेने दे रहे,फिसलन की उम्र में सेना का अनुशासन हमारी आने वाली पीढ़ी को बहुत कुछ देगा
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की है। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की संक्षिप्त अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। इस योजना के मुताबिक तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इनको अग्निवीर नाम दिया जाएगा।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
अग्निपथ अग्निवीर योजना पर उठे प्रत्येक सवाल का सकारात्मक जवाब है जरूर जाने :
Q. क्या सरकार सेना की सारी भर्ती की जगह अग्निवीर ही लेगी?
उत्तर – नहीं…. सेना की अन्य भर्तियाँ पहले की तरह ही रहेंगी… अग्निवीर बस एक नया Option है. आपको NDA, OTA करके अफसर बनना हो तो आप बन सकते हैं…. अग्निवीर एक एंट्री level का option है. हाँ यह जरूर है कि पहले की तरह सीधी भर्ती की जगह अग्निवीर से होगी.
Q. क्या इस भर्ती में सेना के शारीरिक और अन्य मापदंडो का ध्यान रखा जाएगा??
उत्तर – जी बिल्कुल, जो भी शारीरिक, मानसिक, मेडिकल, पढ़ाई लिखाई के मापदंड आज हैं, वही सब इस भर्ती पर भी लागू होंगे.. उनमे कोई ढीलाई नहीं होगी.
Q. चार साल की सर्विस के बाद क्या होगा?
उत्तर – जो लोग चुने जाएंगे, उनका फिर से एक test जैसा होगा, उनकी पिछली 4 साल की performance को देख कर 25% जवानों को Permanent नौकरी मिलेगी, अन्य को एकमुष्ट राशि दे कर वापस भेज दिया जाएगा. इन जवानों को आगे शिक्षा के लिए उपयुक्त option मिलेंगे, CAPF में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी, राज्य पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी, और साथ ही प्राइवेट नौकरी और अपने व्यवसाय का option तो है ही।
Q. क्या यह योजना पेंशन का पैसा बचाने के लिए लायी गयी है??
उत्तर – पेंशन का पैसा बचाना एकमात्र उद्देश्य नहीं है…. योजना का उद्देश्य है बेहतर लोगों को भर्ती करना… और other Ranks में भी Short Service Commission जैसी व्यवस्था बनाना…. ताकि लोग सेना से जुड़ें, सेवा दें, कुछ समय बाद Permanent हो सकते हैं, अन्यथा बाहर option देख सकते हैं. सेना का उद्देश्य पेंशन बचाना नहीं है….. इतने लोग भर्ती होंगे, उनकी ट्रेनिंग का खर्च, उनकी सैलरी और एकमुष्ट राशि का खर्च भी आएगा ही… वो भी चार साल में, और उसके बाद हर साल…. उसे आप कैसे अनदेखा कर रहे हैं??
Q. भर्ती के बाद चार साल में से जवान 9 महीने तो छुट्टी पर रहेगा… ऐसे में वो क्या युद्ध लड़ने को तैयार होगा?
उत्तर – ये तो अभी के भर्ती में भी है ना??? सेना साल में 3 महीने की छुट्टी हर जवान और अफसर को देती है… अग्निवीरों को भी मिलेगी ही. कारगिल के युद्ध में कई जवान तो पहली पोस्टिंग में ही युद्ध के मैदान में उतर गए थे…. क्या उन्होने कम बहादुरी दिखाई थी??
सेना की ट्रेनिंग पर सवाल मत उठाईये, वो एक साधारण से लड़के को कुछ ही महीनों की ट्रेनिंग से एक महामानव बना देती है… अगर विश्वास नहीं तो कारगिल में बलिदान हुए और वीरता चक्र पाए लोगों की लिस्ट उठा कर देखिये….. सैकड़ो ऐसे थे जिनकी service 4 साल से कम थी…. गलवान में बहादुरी दिखाने वाले कई जवान तो 1-2 साल की service वाले ही थे…. उन्होने क्या कम बहादुरी दिखाई थी???
Q. 4 साल की service वाला जवान क्या युद्ध में उतनी प्रतिबद्धता दिखा पायेगा जो एक रेगुलर commission वाला जवान या अफसर दिखाता है?
उत्तर – यह बड़ा अजीब सा सवाल है…. और दुःख की बात है कि यह सेना के लोग ही उठा रहे हैं.
क्या एक अग्निवीर सैनिक, जो सीमा पर तैनात होगा… वो पाकिस्तान या चीन कि तरफ से गोली चलने पर वहाँ से भाग जायेगा?? या उसकी ऊँगली ट्रिगर नहीं दबा पाएगी?? या उसका निशाना नहीं लगेगा… क्योकि वो 4 साल की service वाला है?? या वो आतंकवादी पर गोली नहीं चलाएगा…. किसी mission पर नहीं जाएगा…. क्यूंकि वो 4 साल वाला है???
ऐसे ही सवाल Short Service Commission वाले और Territorial आर्मी वालों पर भी उठते हैं… लेकिन इन लोगों ने समय समय पर दिखाया है कि इनका योगदान रेगुलर commission वालों से कहीं कम नहीं है……. अगर दुश्मन हमला करेगा तो अग्निवीर भी उसी बहादुरी से लड़ेगा जैसे अन्य लड़ेंगे……. उन पर सवाल उठा कर आप जवान या योजना की बेइज्जती नहीं कर रहे, बल्कि सेना की सीख और ट्रेनिंग को बदनाम कर रहे हैं.
Q. 4 साल की service के बाद जो लड़के वापस आएंगे, तो नक्सली या गैंगस्टर बन जाएंगे
उत्तर – वैसे तो ऐसे सवाल उठाने वालों को जवाब नहीं बल्कि एक झापड़ लगना चाहिए… लेकिन चलिए जवाब ही देते हैं. आपको ऐसा क्यों लगता है कि ये जवान नक्सली या गैंगस्टर बनेंगे??? क्या उनके साथ कोई अन्याय हो जायेगा??? क्या उन्हें सरकार बेवजह निकाल रही है, जो वो बदला लेने के लिए ऐसे कदम उठाएंगे?? पहले दिन से सबको पता है कि 75% लोग वापस जाएंगे…. आप अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो वापस जाना ही पड़ेगा.
और सबसे बड़ी बात… आज तक कितने सेना वाले नक्सली या गैंगस्टर बन गए हैं?? कोई data हो तो कृप्या share करें… अन्यथा अपनी चोंच बंद रखें.
Q. सेना को ऐसी योजना की क्या जरूरत है??
उत्तर – नयी global परिस्थिति, नये समीकरण, नये तरह के challenges से लड़ने के लिए इस तरह की योजना की जरूरत है. हम 2.5 मोर्चे की लड़ाई की बात करते हैं… लेकिन ऐसी लड़ाई के लिए सेना को युवा रहना होगा, lean and mean रहना होगा… Cost Effective रहना होगा… ज्यादा से ज्यादा trained resource जल्दी से जल्दी उपलब्ध होने होंगे…..आधे मोर्चे से लड़ने के लिए देश के भीतर भी एक Resources की layer होनी जरूरी है… जो समय आने पर लड़ सके…
वहीं सेना एक अन्य समस्या से भी जूझ रही है…. Service के दबाव और तनाव से जनित दुर्घटना और आत्महत्या जैसी प्रवृति का बढ़ना…. ऐसी योजनाओं से कहीं ना कहीं यह दबाव कम ही होगा.
सबसे बड़ी बात…. यह योजना युवाओ को सेना से जोड़ने की प्रक्रिया को आसान ही करेगी….. हर साल 40-45 हजार युवा सेना से जुड़ेंगे….10 साल में हमारे पास हमारी सेना का लगभग 30% का resource pool होगा… जो Army से trained होगा… बेशक़ वो कोई business कर रहा हो, पुलिस में हो, CAPF में हो… लेकिन Army की ट्रेनिंग और strategic सोच उसके साथ जिंदगी भर रहेगी….. ये लाखो लोग समाज और देश के लिए उपयोगी ही होंगे.
Q. चार साल के बाद अग्निवीर को सरकार बेसहारा छोड़ देगी?
उत्तर – ऐसा नहीं है. आप इसको एक अलग तरह के शिक्षा कोर्स की तरह समझिये. आज भी लाखो बच्चे हर साल इंजीनियरिंग, बीएड जैसे कोर्स में दाखिला लेते हैं… लाखों खर्च करते हैं…. Btech BE के चार साल, या बीएड के 2 साल बाद कितनो की नौकरी लगती है??? फिर वो बच्चे क्या करते हैं???
अग्निवीर बच्चो को ग्रेजुएशन कराया जाएगा… ट्रेनिंग मिलेगी, आर्मी का माहौल और काम करने का अनुभव मिलेगा…. उच्च तकनीकी ज्ञान, strategic समझ, टीम management, stress management जैसा ज्ञान मिलेगा….. साथ में 4 साल सैलरी मिलेगी…. एकमुष्ट लाखों रूपए मिलेंगे… उसके बाद 25% को सेना रख लेगी… अन्य के लिए CAPF, राज्य पुलिस, प्राइवेट नौकरी और अपना बिज़नेस का विकल्प तो है ही….पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की तो बताइये कौन बेसहारा हुआ…. लाखों रूपए फूंक का Btech कर 10-15 हजार की नौकरी करने वाला.. या अग्निवीर सैनिक??
Q. अग्निवीर योजना से किसी ख़ास मजहब वालों को फायदा होगा??
उत्तर – ऐसे सवाल उठाने वालों की मूर्खता की कोई सीमा नहीं….. इस योजना में आपके प्रदर्शन के हिसाब से एंट्री मिलेगी.. ना कि आपके धर्म या मजहब के हिसाब से…. ये कोई आरक्षण योजना नहीं है…. आप में दम है तो entrance निकालिये और भर्ती हो जाइये. बाकि ऐसे सवाल उठाने वालों से पहले data मांगा कीजिये…. जो वो कभी देंगे नहीं.
Q. मेरा army में जाने का सपना टूट गया… मुझे पेंशन नहीं मिलेगी तो मैं क्यों जाऊं?*
उत्तर – कोई सपना नहीं टूटा है… आप मेहनत कीजिये, भर्ती हो जाइये… फिर चार साल जबरदस्त काम कीजिये, अपना josh जूनून दिखाइए… ताकि सेना आपको 25% लोगों में शामिल कर permanent कमिशन देने पर मजबूर हो जाए… फिर लीजिये पेंशन और अन्य लाभ… किसने रोका है आपको
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
टूर ऑफ ड्यूटी से हो रही तुलना
ऐसे में ‘अग्निपथ योजना’ की तुलना, ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ से की जा रही है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जहां लोगों को मिलिट्री के लिए एक तय वक्त तक काम करना जरूरी है। अभी हम जानेंगे कि ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ क्या होती है? किन देशों में युवाओं को मिलिट्री सेवा देना
अनिवार्य है।
अग्निपथ योजना क्या है,,,
1:- उम्र 17 वर्ष 6 माह से 21 वर्ष
2:- योग्यता सीनियर सेकेंडरी
3:- पहले की तरह फिजिकल टेस्ट
4:- सेवा अवधि 4 वर्ष
5:- प्रशिक्षण अवधि 6 माह
6:- प्रथम वर्ष वेतन 30 हजार रुपये
महीना जिसमें 9 हजार की कटौती होगी, मतलब 21 हजार प्रति माह मिलेंगे, द्वितीय वर्ष 33000 रुपये मिलेगे जिसमे 10000 रुपये प्रति माह कटौती होगी, 23 हजार प्रतिमाह मिलेंगे, तृतीय वर्ष 36000
हजार रुपये मिलेंगे, जिसमे 11000कटौती होकर 25000 हजार रुपयेप्रति माह मिलेंगे, चौथे वर्ष 40000हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे, जिसमे 12000 रुपये महीना कटेंगे,
28000 हजार रुपये प्रति माह मिलेंगे,
7:- 4 साल सेवा अवधि बार रिटायरमेंट पर सेवा निधि पैकेज बतोर 11 लाख 71 हजार रुपये मिलेंगे,
8:- 4 साल की सेवा अवधि उपरांत
योग्यता मापदंडों के हिसाब से 25 %जवानों को स्थायी रूप से सेना मे नियुक्ति दे दी जाएगी, बाकी 75 %जवानों को अग्निवीर कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसके बेस परप्राइवेट कम्पनियों में जॉब में
प्राथमिकता मिलेगी, साथ ही
खुद का व्यवसाय करने के लिए
मिनिमम ब्याज दरों पर नॉन
सिक्योर लोन दिलाया जाएगा,,
9:-तीनों सेनाओं में प्रतिवर्ष 50000 हजार जवानो की भर्ती की जाएगी,!!
10:- किसी मौकापरस्तों के बहकावे में मत आना ….बहुत ही
योजना है, कुछ सेफ्टी डिपार्टमेंट को छोड़ दे तो, 22 , 23 वर्ष से तो बेरोजगार रोजगार के लिए अप्लाई करना शुरू करते है, जबकि
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की अग्निपथ योजना में तो 18, 19 में लगा बच्चा 22,23 में तो रिटायर ही हो जाएगा, मतलब बाद में वो अपने खर्चे पर अच्छी जॉब की तैयारी कर सकता है, बच्चे अक्सर 18, 20 ,22 की उम्र में ही गलत संगत में पड़कर भटक जाते है, जबकि इस उम्र में तो वो देश सेवा कर रहा होगा,फिजिकल फिट रहेगा, आर्थिक परेशानी नही होगी, इस सब के बाद भी कोई जबरदस्ती थोड़ी है कि करना ही पड़ेगा। बिल्कुल मत करो, यारी दोस्ती निभाओ नशा पत्ती करो, चौराहे पर खड़े होकर हो हल्ला करो, लेकिन मेरे भाईयो किसी के कहने में आकर सरकारी सम्पत्ति को मत जलाओ। इसलिए मित्रों भारत सरकार बहुत ही कारगर
योजना लेकर आई है, ज्यादा से
ज्यादा युवा फायदाउठाए,”!!!
टूर ऑफ ड्यूटी द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तब शुरू हुई थी जब ब्रिटेन में पायलट की कमी हो गई थी। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने युवाओं को एक निश्चित अवधि के लिए वायुसेना में भर्ती करना शुरू किया। उस वक्त नौकरी के लिए यह शर्त रखी गई कि हर पायलट को 2 सालों में कम से कम 200 घंटे विमान उड़ाना होगा। यह योजना बेहद सफल रही। इसकी सफलता को देखते हुए कई अन्य देशों ने भी टूर ऑफ ड्यूटी को अपनाया। इस योजना का उद्द्श्य अधिकाधिक संख्या में युवाओं को सेना की ट्रेनिंग देना है ताकि जरूरत पड़ने पर वे देश की सेवा कर सकें।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
दुनिया के 30 से अधिक देशों में टूर ऑफ ड्यूटी का नियम किसी न किसी रूप में लागू है। ये कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक की हो सकती है। वहीं, कम से कम 10 देश ऐसे हैं जहां पुरुष और स्त्री दोनों को सेना में अनिवार्य रूप से सेवा देनी पड़ती है। इन देशों में चीन, इजरायल, यूक्रेन, नार्वे, स्वीडन, मोरक्को, उत्तर कोरिया, केप वर्दे, जाड, इरित्रिया जैसे देश शामिल हैं।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
इजरायल में पुरुष और महिला, दोनों के लिए मिलिट्री सर्विस अनिवार्य है। पुरुष इजरायली रक्षा बल में 3 साल और महिला करीब 2 साल तक सेवा देती हैं। कुछ सैनिकों को अलग-अलग जिम्मेदारियों के तहत अतिरिक्त महीने की सेवा भी करनी पड़ सकती है। यह देश-विदेश में रह रहे इजरायल के सभी नागरिकों पर लागू होता है। सिर्फ मेडिकल आधार पर ही किसी को सेना छोड़ने की अनुमति मिल सकती है।
*ब्राजील* में 18 साल से अधिक की उम्र के लिए मिलिट्री सेवा जरूरी है। यह 1 साल के लिए होता है। 18 साल की उम्र पूरी होती ही यह हर पुरुष नागरिक पर लागू हो जाता है। सिर्फ स्वास्थ्य कारणों के आधार पर लोगों को छूट मिल सकती है। अगर आप यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, तो सेवा टाली जा सकती है लेकिन इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
रूस में 18 से 27 साल तक के युवाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा जरूरी है। पहले यहां अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए युवाओं को 2 साल देने पड़ते थे लेकिन 2008 से इसे घटाकर मात्र 12 महीने कर दिया गया है। डॉक्टर, शिक्षक जैसे पदों पर नियुक्त लोगों के लिए इसमें ढील दी गई है। वहीं, जिन पुरुषों को 3 साल या उससे कम उम्र के बच्चें हों उन्हें भी इससे छूट मिली हुई है।
बरमूडा में पुरुषों को सेना में भर्ती करने के लिए सरकार लॉटरी निकालती है। इसमें 18 से 32 तक के परुषों की भर्ती की जाती है। इस लॉटरी में जिनका नाम आता है उन्हें बरमूडा रेजिमेंट में अनिवार्य रूप से 38 महीनों के लिए सेवा देनी पड़ती है।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
दक्षिण कोरिया में सभी सक्षम पुरुषों को सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने और वायुसेना में 24 महीने सर्विस देनी होती है। पुलिस फोर्स, कोस्ट गार्ड, फायर सर्विस सहित कई सरकारी विभाग में भी काम करने का ऑप्शन रहता है। दक्षिण कोरिया में सबसे अधिक साल तक अनिवार्य सैन्य सेवा करनी होती है। पुरुषों को करीब 11 साल तो महिलाओं के लिए करीब 7 साल तक सेवा देने का नियम है।
सीरिया
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
सीरिया में सभी पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है। मार्च 2011 में अनिवार्य मिलिट्री सर्विस को 21 महीने से घटाकर 18 महीने कर दिया था। यहां नियम इतने सख्त हैं कि सैन्य सेवाओं को टालने वाले लोगों की नौकरी तक जा सकती है। सर्विस देने से भागने वाले लोगों को जेल की सजा तक का प्रावधान है। महिलाओं के लिए ऐसा नहीं है, वह वॉलंटियर सर्विस दे सकती हैं।
*स्विट्जरलैंड* में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है। यहां सभी सेहतमंद पुरुषों को वयस्क होते ही मिलिट्री में शामिल होना होता है। महिलाएं खुद चाहें तो सेना में शामिल हो सकती हैं, अन्यथा उनके लिए यह जरुरी नहीं है। यह सेवा करीब 21 हफ्ते की होती है। इसके बाद जरूरी ट्रेनिंग के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर इसमें 6 ट्रेनिंग पीरियड होते हैं। हर ट्रेनिंग 19 दिन की होती है।
सिंगापुर में सैन्य सेवा अनिवार्य है। हर पुरुष को 18 साल की उम्र होते ही सिंगापुर आर्म्ड फोर्सेस में शामिल होना जरुरी है। इसके अलावा वह सिंगापुर सिविल डिफेंस फोर्स या फिर सिंगापुर पुलिस फोर्स में शामिल हो सकता है। इस नियम को तोड़ने वालों पर 10 हजार सिंगापुरियन डॉलर्स का जुर्माना, तीन साल की सजा या फिर दोनों पड़ सकता है।
चीन में तकनीकी तौर पर नागरिकों को मिलिट्री सर्विस करना अनिवार्य है, लेकिन देश में अनिवार्य सैन्य सेवा 1949 के बाद से ही लागू नहीं की गई है, क्योंकि आर्मी को लगता है कि लोग स्वेच्छा से आते ही हैं।
थाईलैंड में अनिवार्य सैन्य सेवा 1905 से लागू है। सभी पुरुषों को सेना में भर्ती होना जरूरी है। पुरुषों 21 साल की उम्र में पहुंचते ही सेना में भर्ती होना होता है।
*तुर्की* में भी सेना भर्ती जरुरी है। वे सभी पुरुष जिनकी उम्र 20 से 41 साल के बीच है, उन्हें तुर्की की सेना में शामिल होना ही होता है। जिनका हायर एजुकेशन या वोकेशनल ट्रेनिंग चल रहा होता है, वो कुछ दिन के लिए अपनी मिलिट्री ट्रेनिंग टाल सकते हैं।
नार्वे में 19 साल से लेकर 44 साल के नागरिकों को अनिवार्य रूप से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करनी होती है।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
जो लोग पूछ रहे हैं “4 साल बाद अग्निवीर क्या करेंगे”
उनके सभी सवालों के जवाब
अग्निवीर?भविष्य का भारत कैसा हो? ऐसा भारत हो जिसका कलक्टर भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका कप्तान भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका मजिस्ट्रेट भी अग्निवीर सैनिक हो, ऐसा भारत जिसका बैंककर्मचारी भी अग्निवीर सैनिक हो, ऐसा भारत जिसका डाक्टर भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका इन्जीनियर भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका लेखपाल भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका पंचायतकर्मी भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका अध्यापक भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका दारोगा भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत सिपाही भी अग्निवीर सैनिक हो ,
ऐसा भारत जिसका खुफियाकर्मी भीअग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका नेता भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका ग्राम प्रधान भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका ड्राईवर भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका व्यापारी भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका ठेकेदार भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका अधिवक्ता भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका न्यायधीश भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसका उद्योगपति भी अग्निवीर सैनिक हो,
ऐसा भारत जिसके हर कदम पर अग्निवीर सैनिक हों।
पंडित कृष्ण मेहता का कहना है की
वह भारत इतना ताकतवर होगा जिसमे सैकड़ो अमेरिका व चाइना भी समा जाएंगे।“न कही भ्रष्टाचारी होंगे न कही देशद्रोही होंगे,न कहीं लुटेरे होंगे ,न कहीं आतंकी होंगे।“`
विरोधी पार्टी और पुरानी पार्टी को इतनी छोटी सी बात भी अगर समझ मे नहीं आती तो भगवान ही मालिक है।
अति उत्तम विचार पंडित कृष्ण मेहता जी
आप देश के सच्चे सेवक हैं। सच्ची कलम के सिपाही हैं। में भगवान से प्रार्थना करता हूं के इस देश के नौजवान आपकी बात को समझ कर दंगा आगजनी से दूर रहें